UP मुरादाबाद। बहराइच और अगवानपुर के कस्बों में इन दिनों जानवरों के आतंक ने लोगों की ज़िंदगी को मुश्किल बना दिया है। बहराइच में भेड़ियों का खतरा बढ़ गया है, जबकि अगवानपुर में तेंदुए का आतंक छाया हुआ है। इन दोनों ही स्थानों पर लोग अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं और दिन-रात खौफ में जी रहे हैं।
भेड़ियों का आतंक बहराइच में:
बहराइच जिले के कई गांवों में इन दिनों भेड़ियों की संख्या में इजाफा हुआ है। भेड़ियों के झुंड गांवों के आस-पास घूमते हैं और लोगों के मवेशियों को निशाना बना रहे हैं। इससे प्रभावित होकर ग्रामीण अपनी रातें खौफ में बिता रहे हैं। गांव वाले अब भेड़ियों से बचने के लिए विभिन्न उपाय कर रहे हैं, जैसे रात को अपने मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर रखना और गांव के चारों ओर सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाना।
अगवानपुर में तेंदुए का आतंक:
अगवानपुर में तेंदुए का आतंक बहुत बढ़ गया है। यहाँ पर 50 हजार की आबादी के लोग इस समय भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। तेंदुए के डर से लोग खेतों में जाना बंद कर चुके हैं और रात को घर के अंदर कैद रहना मजबूरी हो गया है। लोगों ने अपनी सुरक्षा के लिए अनोखे उपाय अपनाए हैं। कई घरों की छतों पर कनस्तर टंगे हुए हैं, जिनके साथ लंबी रस्सी लटकी है। जब तेंदुआ दिखाई देता है, तो लोग रस्सी खींचकर कनस्तर बजाते हैं। इससे आस-पास की आबादी सतर्क हो जाती है और अपने बच्चों व मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाती है।
वन विभाग की भूमिका और लोगों की चिंता:
वन विभाग की टीमों ने अब तक इन समस्याओं पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे स्थानीय लोगों में गुस्सा और निराशा है। लोगों का कहना है कि वन विभाग को तेंदुए और भेड़ियों के आतंक को गंभीरता से लेना चाहिए और जल्द से जल्द प्रभावी समाधान देना चाहिए। फिलहाल, लोग अपनी सुरक्षा के लिए खुद से उपाय कर रहे हैं, लेकिन वे चाहते हैं कि सरकारी मदद भी जल्दी मिले।
सामाजिक और सुरक्षा उपाय:
दोनों क्षेत्रों में, भेड़ियों और तेंदुओं के आतंक ने लोगों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित किया है। लोग अब रात को बाहर जाने से डरते हैं और खेतों में भी काम करने में हिचकिचाते हैं। पशुओं की सुरक्षा के लिए लोग रात-रात भर जागते हैं और गांव में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। बहराइच और अगवानपुर में जानवरों के आतंक ने स्थानीय निवासियों की जिंदगी को कठिन बना दिया है। इन क्षेत्रों में भेड़ियों और तेंदुओं के खौफ से लोग अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं। वन विभाग को चाहिए कि इस समस्या का गंभीरता से समाधान निकाले और स्थानीय लोगों को सुरक्षित महसूस कराए। लोगों की सुरक्षा और उनके जीवन की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।